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विंध्याचल | |
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नगर | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | मिर्जापुर (विन्ध्याचल) |
जनसंख्या (2001) | |
• कुल | 205,264 |
भाषा | |
• अतिरिक्त सरकारी | उर्दु[1] |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
विन्ध्याचल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (विन्ध्याचल) जिले का एक धार्मिक दृष्टिकोण से प्रसिद्ध शहर है। यहाँ माँ विन्ध्यवासिनी देवी का मंदिर है। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, माँ विन्ध्यवासिनी ने महिषासुर का वध करने के लिए अवतार लिया था। यह नगर गंगा के किनारे स्थित है। मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जो मनुष्य इस स्थान पर तप करता है, उसे अवश्य सिद्दि प्राप्त होती है। भारतीय मानक समय (IST) की रेखा विन्ध्याचल के रेलवे स्टेशन से होकर जाती है। [2]
विंध्याचल वाराणसी से 70 किमी की दूरी पर और प्रयागराज से 85 किमी दूर स्थित है, एक प्रसिद्ध धार्मिक शहर है जो देवी विंध्यवासिनी को समर्पित है। माना जाता है कि देवी विंध्यवासिनी बृद्धावस्था की तात्कालिक सर्वश्रेष्ठ शक्ति हैं। विंध्यवासिनी देवी मंदिर मिर्जापुर से 8 किमी की दूरी पर पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह विंध्यवासिनी देवी के सबसे प्रतिष्ठित सिद्धपीठों में से एक है। मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं। चैत्र (अप्रैल) और अश्विन (अक्टूबर) महीनों में नवरात्रों के दौरान बड़ी मंडलियां आयोजित की जाती हैं। कई प्रतियोगिताएँ ज्येष्ठ (जून) के महीने में आयोजित की जाती हैं। मंदिर काली खोह से सिर्फ 2 किमी दूर स्थित है।[3]
यहाँ सबसे प्रसिद्ध विंध्यवासिनी देवी मंदिर, अष्टभुजा देवी मंदिर और कालीखोह मंदिर हैं। यहाँ आकर इन तीनों मंदिर के दर्शन से एक त्रिकोण परिक्रमा पूरी होती है:-
यहाँ दुर्गासप्तशती (मार्कंडेय पुराण) के 11 वें अध्याय में वर्णित कंकाल देवी मंदिर, कंकाल के रूप में मां काली को समर्पित है।
2011 की जनगणना के अंतिम आंकड़ों के अनुसार, मिर्जापुर-सह-विंध्याचल शहरी समूह की आबादी 245,817 थी, जिनमें से पुरुषों की संख्या 131,534 और महिलाओं की संख्या 114,283 थी। 0-6 वर्ष की आयु सीमा में जनसंख्या 29,619 थी। 7 वर्ष और उससे अधिक की जनसंख्या की प्रभावी साक्षरता दर 77.85 प्रतिशत थी।[7]
2001 की भारत की जनगणना के अनुसार जब विंध्याचल और मिर्जापुर को एक साथ एक जनगणना इकाई माना जाता था। इसकी आबादी 205,264 थी, जिनमें पुरुष 109,872 और महिलाएं 95,392 थीं। 0 से 6 वर्ष की बालक-बालिकाओं की आबादी 28,666 थी। साक्षरता दर 62.9% और प्रभावी साक्षरता दर 72.1% थी।[8]