रसायनशास्त्र, विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों[1] का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस + आयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है।
संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है।[2] पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है।[3] रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है।[4][5]
रासायनिक पदार्थ | उत्पादों की संख्या | मात्रा (टनों में) |
---|---|---|
पानी | 26,509 | 2,355,650 |
टाइटेनियम डाईआक्साइड | 4,463 | 61,790 |
जाइलीन (Xylene) | 4,271 | 28,568 |
2-Methyl-4-isothiazolin-3-one | 2,953 | 39 |
आइसोप्रोपेनॉल | 2,881 | 18,116 |
ब्यूटिल एसीटेट | 2,700 | 14,186 |
1,2-Benzisothiazolin-3-one | 2,661 | 98 |
औसत एरोमटिक विलायक नेप्था | 2,439 | 16,307 |
एथनॉल (Ethanol) | 2,368 | 443,912 |
5-Chloro-2-methyl-4-isothiazolin-3-one | 2,300 | 32 |
रसायन विज्ञान की भी कई शाखाएं हैं जिन्हें पदार्थों के अध्ययन के दौरान बांटा गया है। रसायन विज्ञान की शाखाओं में [कार्बनिक रसायन], अकार्बनिक रसायन, जैव रसायन, भौतिक रसायन, विश्लेषणात्मक रसायन आदि प्रमुख हैं।
कार्बनिक रसायन में कार्बनिक पदार्थों, अकार्बनिक रसायन में अकार्बनिक पदार्थों, जैव रसायन में सुक्ष्म जीवों में उपस्थित पदार्थों, भौतिक रसायन में पदार्थ की बनावट, संघटन और उसमें सन्निहित ऊर्जा, विश्लेषणात्मक रसायन में नमूने के विश्लेषण का अध्ययन किया जाता है ताकि उसकी बनावट और संचरना का पता चले। हाल के दिनों में न्यूरो-रसायन जैसी रसायन की कुछ और शाखाओं का उदय हुआ है।
रसायन विज्ञान का क्षेत्र बहुत व्यापक है तथा दूसरे विज्ञानों के समन्वय से प्रतिदिन विस्तृत होता जा रहा है। फलत: आज हम भौतिक एवं रसायनभौतिकी, जीव रसायन, शरीर-क्रिया-रसायन, सामान्य रसायन, कृषि रसायन, आदि अनेक नवीन उपांगों में रसायन विज्ञान का अध्ययन देखते हैं।
अध्ययन की सुविधा के लिए हम रसायन विज्ञान कई शाखाओं में वर्गीकृत करते हैं-
इनके अलावा भूरसायन, खगोलरसायन, बहुलक रसायन, क्लस्टर रसायन, विद्युत् रसायन, पर्यावरण रसायन, आहार रसायन, सामान्य रसायन, नैनो रसायन, ठोस अवस्था रसायन, ऊष्मारसायन आदि अन्य शाखाएँ हैं।
मानव जीवन को समुन्नत करने में रसायन विज्ञान का अक्षुण्ण योगदान है। मानव जाति के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए रसायन विज्ञान का विकास अनिवार्य है। यह तभी संभव होगा जब आमजन इस विज्ञान के प्रति आकर्षित होगा। इस विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग करना ही समय की मांग है।
चिकित्सा विज्ञान की प्रगति रसायन विज्ञान की ही देन है। वर्तमान में 75 प्रतिशत औषधियों का संश्लेषण रासायनिक पदार्थो से हुआ है। आज लगभग 4000 ज्ञात औषधियाँ हैं परंतु रोगों की संख्या 30,000 के लगभग है। अतः भविष्य में रोगशमन हेतु रसायन विज्ञान का प्राधान्य है।
सिरदर्द : ऐस्पिरिन (C9H8O4) - alicylic Acid का ऐसीटिक एस्टर
जलने की दवाएं - त्वचा जलन जले भाग पर टैनिक अम्ल तथा बर्नोल
जुकाम खाँसी - देश के 75 प्रतिशत लोग ग्रसित
निर्जर्मीकारक (Antiseptic) - डेटॉल, मरक्यूरोक्रोम, बोरिक अम्ल
मृदुरेचक - एप्सम लवण, फीनाप्थैलीन स्ट्रिकनीन
यातना निवारक - निष्चेतक - ईथर, एथिलीन, नाइट्रस ऑक्साइड
सम्मोहक या निद्राकारी - फीनोबार्बिटल
एंटीबायोटिक - डॉ॰ अलेक्जेडर फ्लेमिंग ने 1928 में पेनिसिलियम कवकों से पेनिसिलीन प्राप्त की । स्ट्रेप्टोमाइसीन, टेट्रामाइसिन, बायोमाइसिन, एरिथ्रोमाइसिन - एंटीबायोटिक शृंखला का संश्लेषण
सारांश :