ग्रेटर नोएडा | |
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नगर | |
![]() ग्रेटर नोएडा का विहंगम दृश्य | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
जिला | गौतमबुद्ध नगर |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,07,676[1] |
भाषा | |
• आधिकारिक | हिन्दी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिन कोड | 201308 |
टेलीफोन कोड | 0120 |
वाहन पंजीकरण | UP16 |
निकटतम शहर | नोएडा |
साक्षरता | 87% |
लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र | गौतमबुद्ध नगर |
वेबसाइट | www |
ग्रेटर नोएडा (अंग्रेज़ी: Greater Noida) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण उपनगर है, जो दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है। आधिकारिक दृष्टि से यह उत्तर प्रदेश राज्य के गौतम बुद्ध नगर जिले में आता है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इसके निकटवर्ती ही एक अन्य उपनगर नोएडा है, जो यहाँ से दिल्ली के रास्ते में पड़ता है। नोएडा एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक उपनगरों में से एक है। ग्रेटर नोएडा, जैसा कि इसका नाम है, आकार में नोएडा से भी बहुत बड़ा है और बहुत ही कम समय में अन्तर्राष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बना चुका है।
वर्तमान समय में इसके अध्यक्ष व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रमा रमण हैं।[2] रमा रमण के अनुसार नई दिल्ली से ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुगम बनाने हेतु मई 2014 तक मेट्रो ट्रेक का निर्माण शुरू हो जायेगा।[3] महान नोयडा भी कहते हैं
1980 के दशक में भारत सरकार ने यह अनुभव किया कि जिस प्रकार राजधानी दिल्ली की जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए निकट भविष्य में समस्या खड़ी हो सकती है। अत: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश व हरियाणा प्रान्तों के कुछ क्षेत्रों में आवासीय एवं औद्योगिक विकास हेतु योजनाओं का विचार किया गया और गुड़गाँव व नोएडा और ग्रेटर नौएडा जैसे नये नगर बसाये गये। इस्से पहले नौएडा और ग्रेटर नौएडा को भटनेर नाम से जाना जाता था।
नोएडा में हुए विकास का जायजा लिया गया तो सरकार को लगा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को और अधिक विस्तृत किया जा सकता है इससे भारत की अर्थव्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। अतएव उन्नीस सौ नब्बे के दशक में ग्रेटर नोएडा की नींव रखी गयी। पहले ग्रेटर नोएडा का मुख्य कार्यालय नोएडा के सेक्टर 20 में अस्थायी रूप से खोला गया और वरिष्ठ आई॰ए॰एस॰ अधिकारी योगेन्द्र नारायण को इसका चेयरमैन तथा गणेश शंकर त्रिपाठी को उनका सचिव नियुक्त किया गया। बाद में जब शुरुआती तीन सेक्टर - अल्फ़ा, बीटा और गामा कुछ-कुछ बसने लगे तो इसका प्रशासनिक कार्यालय भी ग्रेटर नोएडा में रामपुर जागीर गाँव के सामने सेक्टर गामा-II में स्थापित हो गया।
गौतम बुद्ध नगर जिला गजेटियर के अनुसार यहाँ यमुना व हिण्डन नदियों की दोआब (खादर) जमीन पर बसे गाँवों नलगढ़ा, तुगलपुर व रामपुर जागीर में विजय सिंह पथिक, कोतवाल धन सिंह गुर्जर, पं॰ रामप्रसाद 'बिस्मिल',उमरावसिंह गुर्जर(1857) चंद्रशेखर आजाद व भगत सिंह आदि छिपकर अपनी योजनायें बनाया करते थे। एक्सप्रेस वे के किनारे बसे नलगढ़ा गाँव में तो वह पत्थर आज भी सुरक्षित रखा हुआ है जिस पर भगत सिंह ने दिल्ली असेम्बली बम काण्ड से पूर्व कई बार बम परीक्षण करके देखा था। परीचौक पर गुर्जर शोध संस्थान व विजय सिंह पथिक ऑडिटोरियम स्थित है। इसी प्रकार रामपुर जागीर गाँव, जहाँ काकोरी काण्ड के मास्टरमाइण्ड राम प्रसाद 'बिस्मिल' सन् 1919 में मैनपुरी षड्यन्त्र के पश्चात् भूमिगत रहे थे, उसकी स्मृति जनमानस में ताज़ा बनी रहे इसके लिये सेक्टर बीटा वन के ई ब्लॉक में "अमर शहीद पं॰ रामप्रसाद बिस्मिल उद्यान"[4] स्थापित किया गया है।
2011 की जनगणना के अनुसार ग्रेटर नोएडा की जनसंख्या 107,676 थी, जिसमें 58,662 पुरुष 49,014 स्त्रियाँ थीं। यहाँ का साक्षरता प्रतिशत 86.54 आँका गया।[5]
वैसे तो यहाँ देश के प्रत्येक प्रान्त के लोग निवास करते हैं परन्तु वीर गुर्जर बिरादरी के लोग यहाँ के स्थानीय निवासी है और उनकी संख्या यहाँ बढोत्तरी मे है। ये वो लोग हैं जिनकी भूमि इस नगर के विकास हेतु भारी मुआवजा देकर सरकार द्वारा अधिगृहीत कर ली गई थी। यहाँ के गाँव अब नगर में विकसित हैं। उन्होंने खूबसूरत कोठियाँ बना ली हैं, उनके बच्चे अब अच्छे स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और वयस्क लोग व्यापार में अच्छा पैसा कमाने लगे हैं।
वैसे तो यहाँ के निवासियों में गुर्जर बहुत भारी संख्या मे है पर साथ मे उन छात्रों की है जो देश-विदेश के दूर दराज़ क्षेत्रों से यहाँ विद्याध्ययन हेतु आते हैं या फिर मजदूरों की है जो भवन निर्माण के लिए बिल्डरों द्वारा यहाँ पर काम करने के लिए लाये गए हैं। यहाँ पर अवकाश प्राप्त सरकारी व गैर सरकारी लोगों ने भी अपने लिए छोटा मोटा आशियाना बना लिया है जहाँ वे अपने परिवार के साथ रहने लगे हैं।
नोएडा के विकास की योजना से सीख लेकर ग्रेटर नोएडा का मूलभूत ढाँचा सोच समझकर बनाया गया और अगले बीस-पच्चीस वर्ष की आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा गया। योजनाबद्ध विकास से आज ग्रेटर नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। अब तो गौतमबुद्ध जिले के तमाम प्रशासनिक कार्यालय भी ग्रेटर नोएडा में ही स्थापित हो चुके हैं।
आज नोएडा व ग्रेटर नोएडा दोनों मिलकर उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वाधिक राजस्व देने वाले महानगर बन चुके हैं। नोएडा तो इसी वर्ष विधानसभा क्षेत्र भी घोषित हो गया है। निकट भविष्य में ग्रेटर नोएडा यदि जिले का रूप धारण कर ले तो कोई आश्चर्य नहीं।
ग्रेटर नोएडा, नोएडा, दिल्ली एवं गाज़ियाबाद से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों द्वारा जुड़ा है। यह दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलमार्ग पर होने के कारण रेल द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा है। इस क्षेत्र में दादरी, बोड़ाकी, अजायबपुर और दनकौर रेलवे स्टेशन हैं, किन्तु नगर वासियों की निष्क्रियता के कारण कोई भी एक्सप्रेस रेलगाड़ी यहाँ नहीं रुकती। अलबत्ता अलीगढ़ से दिल्ली के बीच चलने वाली यात्री गाड़ियों को उपरोक्त किसी भी स्टेशन से पकड़ा जा सकता है।
यातायात के साधनों को और अधिक सुगम बनाने की दिशा में प्रयास चल रहे हैं। फिलहाल दिल्ली मेट्रो को वाया नोएडा-ग्रेटर नोएडा बोड़ाकी रेलवे स्टेशन तक ले जाने की योजना को प्रदेश सरकार ने स्वीकृति दे दी है। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन को भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने की योजना है।
स्थानीय नागरिकों की सुविधा के लिये उत्तर रेलवे ने अपना कम्प्यूटरीकृत रिजर्वेशन सेण्टर भी सेक्टर बीटा वन में खोल दिया है। इससे लोगों को आरक्षण के लिये नोएडा या दिल्ली भागना नहीं पड़ता।
12 वें ऑटो एक्सपो का आयोजन 5 फ़रवरी से 11 फ़रवरी 2014 तक इस बार प्रगति मैदान के बजाय ग्रेटर नोएडा के इण्डियन एक्सपो सेण्टर एण्ड मार्ट नामक अन्तर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी स्थल में किये जाने का निर्णय लिया गया।[6] एक्सपो मार्ट में 6 से 12 फ़रवरी तक होने वाले अगले ऑटो एक्सपो में सिर्फ़ मोटर गाडियाँ प्रदर्शित किये जाने की योजना बनायी गयी।[7] एक्सपो मार्ट में बारहवीं वाहन प्रदर्शनी में 22 देशों की पचास कम्पनियों ने अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत किये।[8]
ग्रेटर नोएडा में कार्यरत कुछ प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठान इस प्रकार हैं-
ग्रेटर नोएडा में शॉपिंग मॉल्स और हॉल की सूची।
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(मदद)